दुष्कर्मी सौतेले बाप को आजीवन कारावास एवं दलित किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

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दलित किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास
•₹22000 का लगा अर्थ दंड
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश रूपाली सक्सेना की अदालत ने बदलापुर थाना क्षेत्र में 2 वर्ष पूर्व दलित किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी युवक को दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास व ₹22000 अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार बदलापुर थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने अभियोग पंजीकृत करवाया कि दिनांक 20 अक्टूबर 2023 को 8:00 बजे उसकी 13 वर्षीय नातिन जो कक्षा 6 में पढ़ती थी, शौच के लिए घर के पीछे गई थी। पड़ोस का रहने वाला अनुराग यादव वहां घात लगाकर बैठा था,वह लड़की का मुंह दबाकर खींच ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। लड़की बेहोश हो गई। होश में आने पर उसने बताया कि अनुराग ने उसके साथ दुष्कर्म किया और कहा कि अगर किसी से बताओगी तो पूरे परिवार को जान से मार कर खत्म कर देंगे।
पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी व रमेश चंद्र पाल के द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने आरोपी अनुराग यादव को दुष्कर्म के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास व 22000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।

 

दुष्कर्मी सौतेले बाप को आजीवन कारावास
•₹20000 का लगा अर्थदंड
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो रूपाली सक्सेना की अदालत ने 3 वर्ष पूर्व गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र में 11 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपी सौतेली पिता को दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास व ₹20000 अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी ने गौराबादशाहपुर थाने में अभियोग पंजीकृत करवाया कि उसकी दूसरी शादी गौरा बादशाहपुर थाना क्षेत्र निवासी पिंटू गौतम के साथ हुई थी‌ उस समय उसकी 3 वर्षीय बेटी भी उसके साथ आई थी। 8 वर्ष तक वह पिंटू और अपनी बेटी के साथ रही। 26 जनवरी 2022 को वह पीड़िता के चिल्लाने की आवाज सुनकर घर में गई तो देखा उसका पति उसकी बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था। वह खून से लथपथ थी। उसको बचाने पर पति ने मारा पीटा और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दिया।वह मायके चली गई 6 फरवरी 2022 को किसी तरह डरते-डरते एफआईआर करवाया।
पुलिस ने विवेचना करके आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी व रमेश चंद्र पाल के द्वारा अभियोजन पक्ष की पैरवी की गई, जिससे अदालत ने आरोपी पिंटू गौतम को अपनी सौतेली पुत्री से दुष्कर्म करने के आरोप में दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास ₹20000 अर्थदंड से दंडित किया।

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